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विषय – सामग्री
हिंदी – कुमाउनी
कुमाऊनी के युगल तुकबंदी
  • चढ़ाई व ढलान में धीरे जाना|
    उकाव हुलार में सैजल जाये|
  • इधर उधर क्या ढूंढ रहे हैं|
    इथै-उथै के धुणण लागि रौ छा।
  • उसको काम का बड़ा अंदाजा है|
    विकी कामक बड़ अंदाज छू।
  • नशे का बंदोबस्त है|
    अमल पाणिक इंतजाम छू।
  • चलो बैल की अदला बदली कर लेते हैं|
    चलौ बलदक अदई बदैई कर ल्हिनु।
  • हमारी क्लास आमने सामने है|
    हमर क्लास आमणि सामणि छू।
  • आना जाना हुआ ही|
    औण जाण भये।
  • ये तो हरीश के कागजात हैं|
    यो तो हरिशेक कागज पत्तर छन।
  • कैसा कार्य चल रहा है|
    काम धंध कस चल रौ।
  • मिर्ची की तो कुटाई पिसाई होनी है|
    खुस्याणी तो कुटण पिसण है रै।
  • और क्या हाल है|
    और के कुशल बाद है रई|
  • खिलाई पिलाई कैसी हुई|
    खवै पिवै कसि भै।
  • खाने पीने में क्या है|
    खाण पिण के छू।
  • रात की तैयारी चल रही है क्या?
    रातक खुर बुरि है रै के।
  • खेती कैसी चल रही है|
    खेति पाति कस चल रै।
  • बरसात में नदी नाले भर जाने वाले हुवे|
    चौमास में गाड़ गध्यार भरि जानेर वाल भै।
  • खेत में सर्प होता ही है|
    गाड़ भिड़ में साप हुनेरै वाल भै।
  • मिट्टी से मकान चिन रखा है|
    गार माटल चिण राखौ।
  • अपशब्द क्यों दे रहे हैं|
    किलै गायि गलौज करनोछा।
  • आवाज क्यों दे रहे हो?
    धाल किलै दिनौ छ?
  • तुम्हारा मकान किधर हुआ|
    तुमर घर कुड़ी कथै भै।
  • घास काटके ले आ|
    घा पात काटि जा।
  • वो नींद में आवाजें करने वाला हुआ|
    उ नीदम घौणाठ भौणाठ करनेर भै।
  • चाय पानी पिला रहे हैं या नहीं|
    चहा पाणि पिलुनौहा या नै।
  • बारिश आने वाली है बूंदाबांदी होने लग गयी|
    द्यो उनेर वाल छु छिट मिट पड़न लाग गयीं।
  • ये दाल तो जूठी है|
    यो दाले जुठ पिठ छू।
  • बच्चे जूठा कर देते हैं|
    नानतिन जुठयौंण पिठयौंण कर दिनि।
  • हरीश बड़ा लड़का हुआ|
    हरिशें ज्याठ पाठ च्योल भै।
  • यहां क्या झगड़ा हो रहा है|
    यां के झकड़ फिसाद है रौ।
  • डंगरिया झाड़ फूंक करने वाला हुआ|
    डंगरि झाड़ ताव करनेर भै।
  • झूठ नहीं बता सही कह|
    झुट मुठ नि बता सच्ची कौ।
  • शादी में कैसी दावत रही|
    ब्या में झर फर कस रै।
  • जंगल में सियार तो आने ही वाला हुआ|
    डान कानन में स्यार उनेर वाल भै।
  • खेतों में पत्थर होने वाले ही हुवे|
    खेतां में ढुंग डाव हुनेरे वाल भै।
  • क्यों जी ऊपर नीचे क्यों जा रहे हैं|
    के हो तलि मलि के लगै राखी।
  • आजकल तो त्योहारों का सीजन चल रहा है|
    आज भोव त्यार व्यारक सीजन चल रौ।
  • वो तो भाई बहन हैं|
    उ तो दाद भुलि छन।
  • बैंक में दिन में डाका पड़ गया|
    बैंकम दिन धोपरि डांक पड़ गो।
  • देबुली खुबसूरत हुई|
    देबुलि देखिण चाण भयै।
  • उसके घर में तो इफ़रात हो रही है|
    ऊक घरम दैल फ़ैल है रै।
  • जुलाई में वर्षा होने ही वाली हुई|
    जुलाई में द्यो पाणि पणनेरे वाल भै।
  • ढकने ओढ़ने के लिए क्या है|
    ढकीण बिछौण के छु।
  • कार्य कैसा चल रहा है|
    धंध पाणि कस चल रौ।
  • पशुधन कितने हैं|
    धिनाई पाणि कतुक छुन।
  • नागा बाबा धुनी जलाकर रखते हैं|
    नागा बाबा धूणि पाणि जलै राखनि।
  • नदी में नहाना धोना हुवा|
    बगड़ में नाण ध्वीण भै।
  • रामी ने आमंत्रण दिया ही है|
    रामील न्यूत घात दिए भै।
  • बच्चों की पढ़ाई लिखाई कैसी चल रही है|
    नानतिनाक पढ़ै लिखै कस है रै।
  • नवरात्र में पूजा होने ही वाली हुई|
    नौरतान में पूज पाति हुनेरे भै।
  • आजकल घर में अतिथि आ रहे होंगे|
    आजकल तो घर में पौण पछि है रै हुनाल।
  • खेती कैसी चल रही है|
    फसल पाणि कस है रै।
  • गप्पें क्यों हाँक रहे हैं|
    फसक फ़राव किलै मारण लाग रौछा।
  • बेकार के कागजों को फाड़ दे|
    बेकारक कागजां कि फाड़ फूड दे।
  • रास्ते में नहीं रुकना|
    बाट घाट झन रुकये।
  • बारिश पानी कैसा चल रहा है|
    बारिष पाणि कस है रै।
  • क्या काम हो रहा है|
    बुत धाणि के हैरौ।
  • बुड्ढे लोग ठीक हैं|
    बुड बाड़ी भल है रयिं।
  • और पेड़ पौधे हो ही रहे होंगे|
    और बोट डाव हैयि रै हुनाल।
  • क्या काम धंधा चल रहा है|
    के बौल बुत हैरौ।
  • कितने बर्तन हैं|
    कतुक भान कुन छुन।
  • वो तो भाई बहन हैं|
    उ तो भाई बैणि छन।
  • अंदर बाहर क्यों जाना हो रहा है|
    भ्यार भितेर के लगै राखि।
  • मजदूरी कैसी चल रही है|
    मजुरि पाणि कस चली रौ।
  • दिल्ली से क्या सामान लाये हो|
    दिल्ली बट के माल टाल लै रै छै।
  • धीरे से जाना|
    माठू माठ जये हो।
  • इनके माता पिता कौन हुए|
    तैनर मै बाप को भै।
  • क्या डिज़ाइन बना रखा है|
    के रयाख म्याख बणे राखि।
  • सुबह शाम तेज हवा चलती है|
    रातै ब्याव बयाल तेज है जां।
  • गरम पानी में रायता व खटाई स्फूर्ति ला देता है|
    गरम पाणिम रैत खैट्ट छाल कर दूं।
  • कमरा तो अव्यवस्थित हो रहा है|
    कमर तो लतड़ पतड़ है रौ।
  • कितने कपडे हैं?
    लत्त कपाड़ कतुक छुन?
  • बैठक में क्या लकड़ियां रखी हैं?
    चाखम के लाकड़ पातड़ धर राखीं?
  • ढेर सारे लड़के हो रहे हैं|
    निमखुण लौंड मौड़ है रैयी हो।
  • रमवा के घर में खून खराबा हो गया|
    रमुवक घर में ल्योयोल मसयोल है गे।
  • दूल्हा दुल्हन कार में बैठ गए|
    वर ब्योली कारम भैट गयीं।
  • क्या विस्मयकारी बातें चल रही है?
    सरग पतावक के लगे राखि?
  • खेत में क्या सब्जी लगा रखी है?
    बाड़ में के साग पात लगै राखो?
  • वहां का हवा पानी कैसा है?
    वांक हाव पाणि कस छु?
  • सेठ जी मेरा भुगतान कर दीजिये|
    सेठ् ज्यू म्यर हिसाब किताब कर दियो।