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विषय – सामग्री
हिंदी – कुमाउनी
मित्र से वार्तालाप
  • दिनेश - नमस्कार भाई रमेश |
    नमस्कार हो रमेश |
  • रमेश - नमस्कार दिनेश, कैसे आया आज ?
    नमस्कार दिनेश, कसि आछै आज ?
  • दिनेश - ऐसे ही यार, जरा एक छोटा सा काम था तुझसे | करेगा तो बताऊँ |
    यस्सिकै यार, जरा एक ना्नूं काम छि तु धं। करलै तो बतूं।
  • रमेश - पहले बता तो क्या काम है | मेरे करने लायक होगा तो जरूर करूँगा |
    पैलि बता त् के् काम छ्। म्यर करणिं लैक होलौ तो जरूर करूंन।
  • दिनेश - तेरे करने लायक है यार तभी तो तेरे पास आया | वरना क्यों आता ?
    तेर करणिं लैकै छ् यार तबै त् त्या्र पास ऐयूं। नतर क्युंहुं उन्यूं।
  • रमेश - अरे बतायेगा भी या बकबक करते रहेगा | जब बतायेगा तभी करूँगा |
    अरे बतालै लै या बकबक करते रौलै। जब बतालै तबै करूंन।
  • दिनेश - बात यह है कि मुझे आज अर्जेन्ट एक हजार रूपये चाहिये | दे सकता है मुझे ?
    बात यो् छ् यार कि मकं आज अर्जेन्ट एक हजार रूपैं चैंनिं। दि सकछै मकं ?
  • रमेश - हजार रुपये की क्या जरूरत पड़ गयी तुझे आज जिसके लिये मेरे पास आना पड़ा ?
    हजार रुपैंक के् जरूरत पड़ि गे तुकं आज ज्यैक लिजि म्या्र पास ऊंण पड़ौ ?
  • दिनेश - क्या बताऊँ यार, इस महीने की तनख्वाह अभी तक नहीं मिली तब मुश्किल आगयी |
    के् बतूं यार, यो् मैंहैंणैं तनख्वा आ्इ जांलै नि मिलि तब मुश्किल ऐगे।
  • रमेश - क्या मुश्किल आगयी बता तो सही हल की जायेगी वह भी |
    के् मुश्किल ऐगे बता त् सही हल करी जा्लि उलै।
  • दिनेश - यार मकान मालिक को किराया देना है, उसको जरूरत पड़ गयी होगी पैसों की |
    यार मकान मालिक कं किरा्य दिण छ्, उकं जरूरत पड़गे हुनै्लि डबल नै्ंकि।
  • रमेश - अच्छा तो ये चक्कर है | कोई बात नहीं तू हजार रुपये ले जा और उसे दे दे |
    अच्छा तो तौ चक्कर छ्। कोई बात नै तु हजार रुपैं लिजा और उकें दि दे।
  • दिनेश - तेरी बड़ी मेहरबानी भाई जो तूने मेरा काम चला दिया नहीं तो परेशानी हो जाती |
    ते्रि बड़ि मेहरबानी भाई जो् त्वील मेर काम चलै दे नतर परेशानि है जा्ंनिं।
  • रमेश - इसमें मेहरबानी की क्या बात, दोस्ती में एक दूसरे के काम आना ही चाहिये हमको |
    यमैं मेहरबानी्कि के् बात, दोस्ति में एक दुसारा्क काम ऊंणैं चैं हमंनकं।
  • दिनेश - हां यह बात तो हुई | फिर भी तूने सहारा दिया इसलिए कही मैंने मेहरबानी |
    हां तौ् बात त् भै्। फिर लै त्वील सहा्र दे यैक लिजि कै मैंल मेहरबानी।
  • रमेश - लेपकड़ हजार रुपये और चाहिये तो और ले जा | चिंता मत करना मेरे होते हुए |
    ले् पकड़ हजार रुपैं आ्इ चैंनिं त् आ्इ लिजा। चिंता जन करियै म्या्र होते हुए।
  • दिनेश - धन्यवाद भाई, मैं तीन चार दिन बाद आऊँगा तब दूंगा तुझे वापस | चलता हूँ अभी |
    धन्यवाद भाई, मैं तीन चार दिन बाद ऊंन तब द्यूंन तुकं वापस। हिटुं ऐल।