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विषय – सामग्री
हिंदी – कुमाउनी
यात्रा के लिये बस स्टेशन में
  • ड्राइवरसाहब ये बस कहां जा रही है?
    ड्राइवर सैप यो् बस का्ं जा्ंणैं?
  • अरे तुम बताओ तुम्हें कहां जाना है?
    अरे तुम बता्औ तुमल का्ं जा्ंण छ्?
  • जाना तो अस्कोट है लेकिन फिलहाल यहां से तो पिथोरागढ़ तक जाना है, आगे को फिर देखूँगा|
    जा्ंण त् अस्कोट छ् लेकिन फिलहाल या्ं बटि त् पिथौरगढ़ जा्ंलै जा्ण छ्, अघिल कै् फिर देखुंन।
  • ये तो अल्मोड़े तक ही जाने वाली है, पिथौरागढ़ की बस उधर सामने में खड़ी है, उसमें बैठ जाओ|
    यो् त् अल्मा्ड़ तकै जा्ंणिं वा्लि छ्, पिथौरगड़ैकि बस पार उ सामणीं में ठा्ड़ि छ्, उमें भैट जा्औ।
  • ड्राइवर साहब तुम्हारी बस पिथौरागढ़ जा रही है क्या?
    ड्राइवर सैप तुमरि बस पिथौरगढ़ जा्ंणैं के?
  • हां जा रही है, टिकट ले लिया? नहीं ले रखा है तो ले आओ पहले उधर वहां सामने खिड़की से|
    हो्य जांणैं, टिकट लि हैलौ? नि ल्हि रा्ख तो लि आ्औ पै्लि पार वा्ं सा्ंमणिं खिड़की बटि।
  • रुको फिर, पहले सीट तो घेर लूं बैग सीट में रख कर, फिर टिकट लाता रहूँगा| क्या ख्याल है?
    जा्गौ पै, पैलि सीट त् घे्रि ल्युं बैग सीटम धरि बेर, फिर टिकट ल्यूनैं रूंन। कस कूंछा?
  • हां हां घेर लो सीट, बैग रख दो लेकिन जल्दी जाकर टिकट ले आओ, वहां लाइन लम्बी है|
    हो्य हो्य घेर ल्हियौ सीट, बैग धर दियौ लेकिन जल्दि जै्बेर टिकट लि आ्औ, वा्ं ला्इन लम्बी छ्।
  • तुम जरा मेरे बैग का ख्याल रख देना तो, कोई ले जाते रहेगा तो हो गया, मैं टिकट ले आता हूँ|
    तुम जरा मेर बैगौ्क ख्याल धर दिया ध्ं, क्वे लिजा्ंनैं रौलौ तो है्गे, मैं दौड़ बेर टिकट ल्यिूं।
  • जाओ जाओ टिकट ले आओ पहले, सामने वो चार नम्बर काउन्टर दिख रहा है वहीं मिलते हैं|
    जा्औ जा्औ टिकट लि आ्औ पैलि, पार उ चार नंबर काउंटर देखि रौ वैं मिलनीं।
  • भाई साहब एक टिकट पिथौरागढ़ का दे दो तो| कितने पैसे दूँ?
    भाई सैप एक टिकट पिथौरागढ़ौ्क दि दियौ ध्ं। कतु डबल द्युं?
  • टूटे पैसे देना डेढ़ सौ रुपये| मेरे पास टूटे पैसे बिलकुल भी नहीं हैं, बहुत परेशानी हो रही है|
    टुटि डबल दिया डेढ़ सौ रुपैं। म्या्र पास टुटि डबल बिल्कुल लै न्हांतन, भौतै परेशानी है्रै।
  • अरे तुम चिंता न करो दादी, मैं देता हूँ टूटे पैसे डेढ़ सौ रुपये| ये लो गिन लो अच्छी तरह से|
    अरे तुम चिंता नि करौ दादी, मैं द्युं टुटि डबल डेढ़ सौ रुपैं। यो् लियौ गंण ल्हियौ भलीकै।