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विषय – सामग्री
हिंदी – कुमाउनी
परिचित व्यक्ति से मिलने पर
  • नमस्कार भाई साहब |
    दाज्यू नमस्कार |
  • नमस्कार भई जीवन, क्या हो रहे हैं हालचाल |
    नमस्कार हो जीवन,के् हैरै्ईं हालचाल |
  • सब ठीक ही है भाईसाहब | आप सुनायें, अच्छे हैं आप ?
    सब ठीकै छ्न दाज्यू। अपुं सुणांऔ, भा्ल छा अपुं ?
  • ठीक ही हूँ यार | क्या होता है अब बुढ़ापे में, ऐसा ही हुआ |
    ठीकै हैरैयुं यार। के् हुं अब बुड्यांकाव, यस्सै भै।
  • क्यों अभी से कैसे बुढ़ा रहे हो | अभी तो तुम जवान हो |
    किलै अल्लै बटि कस बुड़ीणौं छा। आ्इ त तुम जवान छा।
  • अरे हो ही गयी उम्र अब बुढ़ाने की | तू सुना किधर को जा रहा है |
    अरे् है्ई गे् उमर अब बुड़ीणै्ंकि। तू सुणा कथकै ला्ग रौछै बा्ट।
  • तुम्हारे ही पास तक आया भाईसाहब | मैंने सोचा मुलाकात हो जायेगी |
    तुमा्रै पास जांलै ऐयूं दाज्यु। मैंल सो्चौ भेटघाट है जा्लि।
  • ठीक किया यार | आ घर चल, वहीं बैठेंगे चल कर आराम से फिर होंगी गपशप |
    ठीक करौ यार। आ घर हिट, वें बैठुंन जै् बेर आरामैल पै होलिंन गपशप।
  • हां हां चलो घर ही चलते हैं | बहुत दिनों से मैं वहां नहीं आया हूँ, चलिये |
    हो्य हो्य हिटौ घरै जा्नुं। भौत दिनन बटि मैं वां नि ऐ्यूं, हिटौ।
  • दाज्यू नमस्कार |
    दाज्यू नमस्कार |
  • नमस्कार हो भाई |
    नमस्कार हो भाई |
  • दाज्यू कहां जा रहे हैं ?
    दाज्यू का्ंहुं जांणौ छा ?
  • बाजार तक जा रहा हूँ यार |
    बजार जा्ंलै जांणयूं यार।
  • बाजार से क्या लाना है आज ?
    बजार बै के् ल्यूंण छ् आज?
  • अरे यार घर का सामान लाना है |
    अरे यार घरौ्क समान ल्यूंण छ।
  • मैं भी चलूं तुम्हारे साथ ?
    मैंलै हिटुं तुमा्र दगा्ड़ ?
  • हां हां चल, साथ हो जायेगा |
    हो्य हो्य हिट, दगौ्ड़ है जा्ल |
  • भानु- नमस्कार देवी भाई साहब |
    नमस्कार दे्वि दा।
  • राम- जीते रह भौनिया, कहां को हो रही है घुमाई फिराई ?
    जी रैयै भौनिया। का्ंहुं हैरै घुमा्इ फिरा्इ ?
  • भानु- कहीं नहीं दाज्यू, तुम्हीं से भेंट करने आया हूँ |
    कैंनै दाज्यू। तुमनै दगै भेट करण हूं एैयूं।
  • राम - क्यों, कुछ काम था क्या?
    किलै, के काम छि के् ?
  • भानु- काम क्या होता है दाज्यू, ऐसे ही जरा देर गपशप करने के लिये |
    काम के् हुं दाज्यू, यस्सिकै जरा देर गपशप करण हुं।
  • राम- अच्छा अच्छा मैं समझा कुछ काम पड़ गया शायद | बैठ बैठ यहां ऊपर बैठ |
    अच्छा अच्छा मैंल समझौ के काम पड़गो छौ। भैट भैट यां मलिकै भैट।
  • जीवन- नमस्कार भाई रमेश, कहां को हो रही है दौड़ ?
    नमस्कार हो रमेश। का्ंहुं हैरै दौड़ ?
  • रमेश- नमस्कार जीवन दा, कहीं नहीं जरा ऊपर के घर चाचा के वहां जा रहा हूँ |
    नमस्कार जीवन दा। कैंने जरा मा्ल घर का्का वां जांणयूं।
  • जीवन- जाना फिर | और सुना क्या हो रहे हैं तेरे हाल समाचार|
    जयै पै। और सुणा के हैरैईं त्या्र हाल समाचार।
  • रमेश - क्या होते हैं जीवनदा | बेकारी में दिन कट रहे हैं, कामकाज कुछ है नहीं |
    के् हुनिं जीवनदा। बेकारी में दिन काटिणैंईं, कामकाज के छ् न्हां।
  • जीवन- ऐसे हाल तो मेरे भी हो रहे हैं यार | क्या किया जाये, समझ में कुछ नहीं आता |
    तस हाल त् म्या्र लै हैरैईं यार। के् करि जाऔ, समझ में के नि ऊंन।