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विषय – सामग्री
सामान्य जानकारी
कुमाउनी भाषा में गिनती
सप्ताह के दिनों के कुमाउनी नाम
भारतीय संस्कृति के महीनों के कुमाउनी नाम
ऋतुओं के नाम
त्योहारों व उत्सवों के कुमाउनी नाम
कुमाउनी बोली में सम्बन्ध, रिश्ते-नाते
सामान्य शब्द एवं वाक्य
कुमाउनी संस्कृति में आशीर्वादात्मक वाक्य
आश्चर्य बोधक शब्द एवं वाक्य
सुख के अवसरों पर व्यक्त किये जाने वाले कुछ शब्द एवं वाक्य
दुःख के अवसरों पर व्यक्त किये जाने वाले कुछ शब्द एवं वाक्य
वार्तालाप में प्रयुक्त दो शब्दों के वाक्य
वार्तालाप में प्रयुक्त तीन शब्दों के वाक्य
वार्तालाप में प्रयुक्त चार या अधिक शब्दों के वाक्य
क्रियाओं के स्वरूप
उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम ‘मैं’, ‘मैंने’, ‘मुझे’ के लिये
मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम ‘तू’, ‘तुम’, ‘आप’ के लिये
अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम ‘वह’ के लिये
हिन्दी व्याकरणानुसार तीनों कालों में क्रियाओं के विभिन्न स्वरूप
उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम शब्द ‘मैं’ के प्रयोग करने पर काल के तीनों स्वरूपों में क्रियाओं के विभिन्न रूप
मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम शब्द ‘तुम’ के प्रयोग करने पर काल के तीनों स्वरूपों में क्रियाओं के विभिन्न रूप
अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम शब्द ‘वह’ के प्रयोग करने पर काल के तीनों स्वरूपों में क्रियाओं के विभिन्न रूप
हिन्दी भाषा के अनुसार संज्ञा शब्द ‘राम’ के प्रयोग करने पर काल के चरों स्वरूपों में क्रियाओं के विभिन्न रूप
कुछ अन्य क्रियाओं के रूप - 1
कुछ अन्य क्रियाओं के रूप - 2
भूत काल की क्रियाओं के कुछ उदाहरण
भविष्य काल की क्रियाओं के कुछ उदाहरण
शब्द सम्पदा
खेती से सम्बंधित धान्य या अनाज
पेय एवं दुग्ध पदार्थ
रसोई से सम्बंधित वस्तुयें
रसोई का सामान, बर्तन व वस्तुयें
खाद्य पदार्थ, भोजन से संबंधित
शरीर के अंग
शारीरिक रोग और उपचार या इलाज
साग-सब्जी
फल
खेतीबाड़ी
नदियां, जल-जलाशय, जंगल, वृक्ष-वनस्पति
पशु
पक्षी
घर-मकान, गौशाला व इनसे सम्बंधित सामान या वस्तुऐं
परिधान एवं वस्त्र
जेवर, सजावट की वस्तुएं
वैवाहिक शब्द
दैनिक जीवन में प्रायः उपयोग में आने वाले वाक्य
अपरिचित व्यक्ति से मिलने पर
परिचित व्यक्ति से मिलने पर
दुकानदार से बाजार में
सड़क में लिफ्ट लेते समय
यात्रा के लिये टैक्सी स्टैंड में - 1
यात्रा के लिये टैक्सी स्टैंड में - 2
डाक्टर के पास
बस अड्डे में
मित्र से वार्तालाप
दो मित्रों की बातचीत
शहर में पुलिस से मुलाकात
बिरादर के घर में
चाय की दुकान में
मन्दिर में
नामकरण के निमंत्रण में
वैवाहिक प्रीतिभोज में
बस के सफर में
यात्रा के लिये बस स्टेशन में
यात्रा के लिये रेलवे स्टेशन में
सब्जी की दुकान में
पड़ौसी से वार्तालाप
थाने में
बैंक में
कुमाऊनी के युगल तुकबंदी
हिंदी –
कुमाउनी
दो मित्रों की बातचीत
हरीश- नमस्कार पांडे जी |
नमस्कार पांडे ज्यू।
पांडे जी - नमस्कार हरीश भाई |
नमस्कार हो हरीश भाई |
हरीश - और कैसे हैं हालचाल, नयी ताजी क्या है |
और कस छन हालचाल, नई ता्जि के् छ्।
पांडे जी - ठीक ही हूँ यार | सावन सूखे न भादों हरे, सब एक सा ही है |
ठीकै छुं यार। सौंण सुखियन नै भदो हरि, सब एक्कै जस छ्।
हरीश - आज बहुत दिनों में मुलाकात हो रही है |
आज भौत दिनों में मुलाकात हुंणैं।
पांडे जी - ऐसा ही है यार, फुर्सत ही नहीं मिलती नौकरी से |
यसै भै यार, फुर्सतै नि मिलनि नौकरी बटि।
हरीश - बात तो तुम सही कह रहे हो |
बात त् तुम सही कूंणौंछा।
पांडे जी - तू सुना, कहां को जा रहा है |
तु सुंणा, कांहुं हैरै दौड़।
हरीश- तुम्हारे ही पास आया | कितने ही दिनों से दर्शन नहीं हो रहे थे तुम्हारे |
तुमा्रै पास अयूं। कतु दिन बटि दर्शनै नि हुणौं छि तुमा्र।
पांडे जी - सोच तो मैं भी रहा था यार कि तेरे पास आऊँगा करके, तू ही जो आ गया|
सो्चण त् मैंलै ला्गि रै छ्युं यार कि त्या्र पास ऊंन कैबेर, तुई जै ऐ्गो्छै।
हरीश- एक ही बात हुई, मैं आया या तुम आते | भेट होने से मतलब हुआ, हो गयी |
एक्कै बात भै्, मैं ऐयूं भलै तुम ऊंना भलै। भेट हुंण दगै मतलब भै्, है्गे।
पांडे जी - आ फिर आ अन्दर को, अन्दर बैठ| अरे चारू जरा पानी ला तो रे |
आ् पै आ् भितेर कै्, भितेर बैठ। अरे चारू जरा पा्ंणि ल्या् धं रे।
पांडे जी - ले यार पानी पी पहले, गर्मियों के दिन हैं, प्यास लग रही होगी |
ले यार पा्ंणि त् पे पैलि, गर्मीनां दिन छन, प्यास ला्गि रै हुनै्लि।
हरीश - हां बेटा पानी पिला पहले | फ्रिज का तो नहीं है कहीं |
हो्य च्या्ला पा्ंणि पेवा पैलि। फ्रिजौ्क त् न्हां कें।
चारू - नहीं नहीं चाचा, घड़े का पानी है, हम भी घड़े का ही पानी पीते हैं |
नै् नै् कका, घड़ौ्क पा्ंणि छ्, हम लै घड़ौ्कै पा्ंणि पिनूं।
हरीश - बस हो गया बेटा | जरा ये पंखा तेज कर देना यार |
बस हैगे च्या्ला। जरा तौ् पंख तेज कर दियै यार।
पांडे जी - अरे चारू जरा चाय भी बना कह तो अंदर अपनी माँ से | और सुना भाई |
अरे चारू जरा चहा लै बड़ा कौ् धं भितेर अप्णिं इज धं। और सुणां हो।
हरीश - असल में तुमसे एक राय लेनी थी मुझे पांडे जी, क्योंकि तुम बड़े हो |
असल में तुमन धं एक राय लिणि छि मकं पांडे ज्यु, किलै कि तुम ठुल भया।
पांडे जी - अरे बड़ा वड़ा कुछ नहीं, हां मेरी समझ में आयेगी बात तो जरूर सही सही बताऊंगा |
अरे ठुल हुल के नै, हां मे्रि समझ में आलि बात त् जरूर सही सही बतूंन।
हरीश - तुम मांसी के गिरीश जी को तो जानते ही हो, उन्हीं की लड़की के बारे में पूछना था |
तुम मा्ंसिक गिरीश ज्यू कं त् जा्ंणनै छा्, उनरी चे्लिक बा्र में पुछण छि।
पांडे जी - कौन गिरीश, रेबाधर जी का लड़का | हां उनके परिवार को अच्छी तरह जानता हूँ |
को् गिरीश, रेबाधर ज्यूक च्यो्लऽ हो्य उना्र परिवार कं भलीकै जा्ंणुं।
पांडे जी - अरे यार उनकी लड़की बसन्ती तो लाखों में एक है, सोना समझो सोना उसे |
अरे यार उनै्रि चे्लि बसन्ती त् लाखन में एक छ्, सुन समझौ सुन उकं।
हरीश - उसी के लिये पूछना था मुझे | अपने बड़े लड़के चन्दन के लिये | कैसी रहेगी वह?
वीकै लिजि पुछण छि मकं। अपण ठुल च्या्ल चन्दना्ंक लिजि। क्सि रौ्लि उ ?
पांडे जी - अरे आंख बंद करके लाओ उसे अपने घर | तुम भी क्या याद करोगे मेरी राय |
अरे आ्ंख बंद कर बेर ल्या्औ उकं अपंण घर। तुम लै के् याद करला मे्रि राय।
हरीश- बस इतनी ही राय जाननी थी तुम्हारी क्योंकि तुम्हें उनके बारे में सब मालूम है |
बस इतुकै राय जा्ंणणि छि तुमरि किलैकि तुमनकं उना्र बा्र में सब मालुम छ्।
पांडे जी - कब बात कर रहे हो उनसे ? जल्दी करो कहीं हाथ से निकल गयी तो देखते रहोगे |
कब बात करणौ छा् उननधं ? जल्दि करौ कें हा्त बै मुचि गई ता चाय्यै रौला।
हरीश- अरे बात हम क्या करेंगे | तुम साथ चलोगे और तुम ही बात पक्की करोगे बस |
अरे बात हम के् करूंन। तुम दगा्ड़ हिट्ला और तुमै बात पक्की करला बस।
पांडे जी - तो बता फिर कब चलना है | तैयारी भी तो करनी पड़ेगी उनके यहां जाने की |
तो् बता कब हिटण छ्। तय्यारी लै् क करण पड़ै्लि उना्र या्ं जा्ंणै्कि।
हरीश - तो कल ही चलते हैं | गाड़ी है ही अपने पास चन्दन को भी ले चलेंगे, देख लेगा वो भी |
पै् भोवै हिटनूं। गा्ड़ि छुई अपंण पास चन्दन क्ं लै लिजूंन,दे्ख ल्यो्ल उलै।
पांडे जी - ठीक है कल ही चलते हैं, मैं तैयार रहूँगा | सुबह ही निकल जायेंगे ठंडे ठंडे में कैसा |
ठीक छ् भोवै हिटनूं, मैं तय्यार रूंन। रत्तैइ निकल जूंन ठंड ठंड में कस।
हरीश - ठीक है पक्का रहा | मैं कल सुबह ही आ जाऊँगा गाड़ी लेकर यहीं | अब चलता हूँ अभी |
ठीक छ् पक्क रै। मैं भो रत्तैइ ऐ जूंन गा्ड़ि लिबेर यें। अब हिटनूं ऐल।
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