भाषा बदलें
×
विषय – सामग्री
हिंदी – कुमाउनी
दो मित्रों की बातचीत
  • हरीश- नमस्कार पांडे जी |
    नमस्कार पांडे ज्यू।
  • पांडे जी - नमस्कार हरीश भाई |
    नमस्कार हो हरीश भाई |
  • हरीश - और कैसे हैं हालचाल, नयी ताजी क्या है |
    और कस छन हालचाल, नई ता्जि के् छ्।
  • पांडे जी - ठीक ही हूँ यार | सावन सूखे न भादों हरे, सब एक सा ही है |
    ठीकै छुं यार। सौंण सुखियन नै भदो हरि, सब एक्कै जस छ्।
  • हरीश - आज बहुत दिनों में मुलाकात हो रही है |
    आज भौत दिनों में मुलाकात हुंणैं।
  • पांडे जी - ऐसा ही है यार, फुर्सत ही नहीं मिलती नौकरी से |
    यसै भै यार, फुर्सतै नि मिलनि नौकरी बटि।
  • हरीश - बात तो तुम सही कह रहे हो |
    बात त् तुम सही कूंणौंछा।
  • पांडे जी - तू सुना, कहां को जा रहा है |
    तु सुंणा, कांहुं हैरै दौड़।
  • हरीश- तुम्हारे ही पास आया | कितने ही दिनों से दर्शन नहीं हो रहे थे तुम्हारे |
    तुमा्रै पास अयूं। कतु दिन बटि दर्शनै नि हुणौं छि तुमा्र।
  • पांडे जी - सोच तो मैं भी रहा था यार कि तेरे पास आऊँगा करके, तू ही जो आ गया|
    सो्चण त् मैंलै ला्गि रै छ्युं यार कि त्या्र पास ऊंन कैबेर, तुई जै ऐ्गो्छै।
  • हरीश- एक ही बात हुई, मैं आया या तुम आते | भेट होने से मतलब हुआ, हो गयी |
    एक्कै बात भै्, मैं ऐयूं भलै तुम ऊंना भलै। भेट हुंण दगै मतलब भै्, है्गे।
  • पांडे जी - आ फिर आ अन्दर को, अन्दर बैठ| अरे चारू जरा पानी ला तो रे |
    आ् पै आ् भितेर कै्, भितेर बैठ। अरे चारू जरा पा्ंणि ल्या् धं रे।
  • पांडे जी - ले यार पानी पी पहले, गर्मियों के दिन हैं, प्यास लग रही होगी |
    ले यार पा्ंणि त् पे पैलि, गर्मीनां दिन छन, प्यास ला्गि रै हुनै्लि।
  • हरीश - हां बेटा पानी पिला पहले | फ्रिज का तो नहीं है कहीं |
    हो्य च्या्ला पा्ंणि पेवा पैलि। फ्रिजौ्क त् न्हां कें।
  • चारू - नहीं नहीं चाचा, घड़े का पानी है, हम भी घड़े का ही पानी पीते हैं |
    नै् नै् कका, घड़ौ्क पा्ंणि छ्, हम लै घड़ौ्कै पा्ंणि पिनूं।
  • हरीश - बस हो गया बेटा | जरा ये पंखा तेज कर देना यार |
    बस हैगे च्या्ला। जरा तौ् पंख तेज कर दियै यार।
  • पांडे जी - अरे चारू जरा चाय भी बना कह तो अंदर अपनी माँ से | और सुना भाई |
    अरे चारू जरा चहा लै बड़ा कौ् धं भितेर अप्णिं इज धं। और सुणां हो।
  • हरीश - असल में तुमसे एक राय लेनी थी मुझे पांडे जी, क्योंकि तुम बड़े हो |
    असल में तुमन धं एक राय लिणि छि मकं पांडे ज्यु, किलै कि तुम ठुल भया।
  • पांडे जी - अरे बड़ा वड़ा कुछ नहीं, हां मेरी समझ में आयेगी बात तो जरूर सही सही बताऊंगा |
    अरे ठुल हुल के नै, हां मे्रि समझ में आलि बात त् जरूर सही सही बतूंन।
  • हरीश - तुम मांसी के गिरीश जी को तो जानते ही हो, उन्हीं की लड़की के बारे में पूछना था |
    तुम मा्ंसिक गिरीश ज्यू कं त् जा्ंणनै छा्, उनरी चे्लिक बा्र में पुछण छि।
  • पांडे जी - कौन गिरीश, रेबाधर जी का लड़का | हां उनके परिवार को अच्छी तरह जानता हूँ |
    को् गिरीश, रेबाधर ज्यूक च्यो्लऽ हो्य उना्र परिवार कं भलीकै जा्ंणुं।
  • पांडे जी - अरे यार उनकी लड़की बसन्ती तो लाखों में एक है, सोना समझो सोना उसे |
    अरे यार उनै्रि चे्लि बसन्ती त् लाखन में एक छ्, सुन समझौ सुन उकं।
  • हरीश - उसी के लिये पूछना था मुझे | अपने बड़े लड़के चन्दन के लिये | कैसी रहेगी वह?
    वीकै लिजि पुछण छि मकं। अपण ठुल च्या्ल चन्दना्ंक लिजि। क्सि रौ्लि उ ?
  • पांडे जी - अरे आंख बंद करके लाओ उसे अपने घर | तुम भी क्या याद करोगे मेरी राय |
    अरे आ्ंख बंद कर बेर ल्या्औ उकं अपंण घर। तुम लै के् याद करला मे्रि राय।
  • हरीश- बस इतनी ही राय जाननी थी तुम्हारी क्योंकि तुम्हें उनके बारे में सब मालूम है |
    बस इतुकै राय जा्ंणणि छि तुमरि किलैकि तुमनकं उना्र बा्र में सब मालुम छ्।
  • पांडे जी - कब बात कर रहे हो उनसे ? जल्दी करो कहीं हाथ से निकल गयी तो देखते रहोगे |
    कब बात करणौ छा् उननधं ? जल्दि करौ कें हा्त बै मुचि गई ता चाय्यै रौला।
  • हरीश- अरे बात हम क्या करेंगे | तुम साथ चलोगे और तुम ही बात पक्की करोगे बस |
    अरे बात हम के् करूंन। तुम दगा्ड़ हिट्ला और तुमै बात पक्की करला बस।
  • पांडे जी - तो बता फिर कब चलना है | तैयारी भी तो करनी पड़ेगी उनके यहां जाने की |
    तो् बता कब हिटण छ्। तय्यारी लै् क करण पड़ै्लि उना्र या्ं जा्ंणै्कि।
  • हरीश - तो कल ही चलते हैं | गाड़ी है ही अपने पास चन्दन को भी ले चलेंगे, देख लेगा वो भी |
    पै् भोवै हिटनूं। गा्ड़ि छुई अपंण पास चन्दन क्ं लै लिजूंन,दे्ख ल्यो्ल उलै।
  • पांडे जी - ठीक है कल ही चलते हैं, मैं तैयार रहूँगा | सुबह ही निकल जायेंगे ठंडे ठंडे में कैसा |
    ठीक छ् भोवै हिटनूं, मैं तय्यार रूंन। रत्तैइ निकल जूंन ठंड ठंड में कस।
  • हरीश - ठीक है पक्का रहा | मैं कल सुबह ही आ जाऊँगा गाड़ी लेकर यहीं | अब चलता हूँ अभी |
    ठीक छ् पक्क रै। मैं भो रत्तैइ ऐ जूंन गा्ड़ि लिबेर यें। अब हिटनूं ऐल।