दादी तुमको पता नहीं है, दुकान वाले इनको मुफ्त में चायपानी और नाश्ता भी कराते हैं तब रुकते हैं ये लोग| ये दुकान वाला चाय पिलानी बन्द कर देगा तो गाड़ी और दुकान में रुकने लगेगी|
दादी तुमनकं पत्त न्हां, दुकान वा्ल इननकं मुफत में चहापा्ंणि और नाश्ता लै् करुंनिं तब रुकनीं यो् लोग। यो् दुकान वा्ल चहा पेवूंण बन्द कर दे्लो तो गा्ड़ि और दुकान में रुकंण ला्गलि।
ठीक कह रहे हो यही बात है| चलो हमारा भी फायदा हो गया चाय पीने को मिल गयी| आओ हम भी पीते हैं चाय| चाय भी यार बड़ी इम्पोर्टेन्ट चीज हो गयी है हम लोगों की जिन्दगी में, कैसी कही|
ठीक कूणौंछा यो् ई बात छ्। चलो हमर लै् फैद है्गो चहा पिंण हुं मिल गो। आ्औ हमलै पिनुं चहा। चहा लै् यार ब्ड़ इम्पौटैन्ट चीज है्गे हम लोगनै्ंकि जिन्दगी में, कसि कै।
हां बात तो ठीक ही कह रहे हो, चाय के बिना तो सुबह से ही किसी की गाड़ी नहीं चलती यार|
हो्य बात त् ठीकै कूंणौं छा, चहा बिना त् रत्तै्ई बटि कैकि गा्ड़ि निं चलनि यार।