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विषय – सामग्री
हिंदी – कुमाउनी
बस के सफर में
  • भाईसाहब आप कहां तक जा रहे हैं?
    भा्इ सैप अपुं का्ं जा्ंलै जांणौ छा्?
  • मैं तो पहाड़पानी तक जा रहा हूँ, आप कहां तक?
    मै्ं त् पहाड़पा्ंणि जांलै जांणयूं, अपुं का्ं जा्ंलै?
  • मैं भी पहाड़पानी जा रहा हूँ| वाह साथ हो गया फिर तो हमारा, कौन से जगह रहते हैं पहाड़पानी में|
    मै्ंलै पहाड़पा्ंणि जांणयूं। वा्ह दगौ्ड़ है्गो फिर त् हमौ्र, उसि को् जा्ग रूंछा पहाड़पा्ंणि में।
  • मैं तो पहाड़पानी के बगल में ही रहता हूँ| पैदल दो मील होता है जाना|
    मै्ं त् पहाड़पा्ंणिक काखै लै रूंनूं। पैदल द्वि मैल हुं जा्ंण।
  • क्या नाम है गांव का?
    के् नाम छ् गौ्ं क?
  • गांव का नाम गजार है|
    गौं नाम गजार छ्।
  • अच्छा गजार में रहते है आप|
    अच्छा गजार में रूंछा अपुं।
  • हां और आप कौन से गांव में?
    हो्य और अपूं को् गौ्ं में?
  • मैं तो पहाड़पानी में रहता हूँ सड़क के ऊपरी हिस्से में|
    मैं त् पहाड़पा्ंणिं में रूंनू सड़का्क मल काख लै्।
  • भाबर कहां आये थे? मैं तो बरेली गया हुआ था वहां भाई रहते हैं मेरे| उनके पास गया था|
    भाबर का्ं ऐरौ छ्या? मैं त् बरे्लि जै्रै छ्यूं वा्ं दाज्यू रूंनीं म्या्र। उना्र पास जै्रै छ्यूं।
  • क्या करते हैं वहां तुम्हारे भाई?
    के् करनिं वा्ं तुमा्र दाज्यू?
  • वो तो पुलिस में इंस्पेक्टर हैं वहां| बच्चे भी वहीँ रहते हैं उनके|
    उ त् पुलिस में इंसपैक्टर छन वा्ं। ना्नतिन लै् वै्ईं रूंनी उना्र।
  • अच्छा वहां मुलाकात करने के लिये गये होगे|
    अच्छा वा्ं भेटघाट करण हुं जै् रै हुनाला।
  • हां साल भर हो गया था नहीं मिले तब गया|
    हो्य साल भरि हैगो्छि नि मिलि तब गयुं।
  • यार ये गाड़ी कहीं रुकेगी या नहीं, ये तो सीधे ही ले जा रहा है| कहीं रोकी ही नहीं इसने|
    यार यो् गा्ड़ि कैं रुकलि या नै, यो् त् सिद्धै लि जांणौं। कैं रोकि ने यैल।
  • क्यों क्या बात है, क्या करना है गाड़ी रुकने से|
    किलै के् बात छ् के् करण छि गा्ड़ि रुकंणैंल।
  • अरे यार कहीं चायवाय पीते थोड़ी, गला सूख रहा है|
    अरे यार कैं चहाहहा पिनां मुंणि, गौ्व सुक रौ।
  • चाय पीने को तो मेरा भी मन हो रहा है| कंडक्टर से पूछता हूँ, कहीं तो रोकनी चाहिये गाड़ी|
    चहा पिंण हुं त् मेर लै् मन है्रौ। कंडक्टर ध्ं पुछनुं, कैं त् रो्कंण चैं गा्ड़ि।
  • कंडक्टर साहब गाड़ी कहीं रोकोगे या सीधे चलोगे, यार जरा कहीं चायपानी पिला दो पैसेन्जरों को|
    कंडक्टर सैप गा्ड़ि कैं रो्कला या सिद्ध लि जा्ला। यार जरा कें चहापा्ंणि पे्वै दियौ पैसेन्जरन क्ं।
  • अरे रुकेगी रुकेगी फिक्र न करो आगे चांफी में रुकेंगे| वहां आराम से पीना चाय|
    अरे रुकलि रुकलि फिकर नि करौ अघिल चा्ंफि में रुकुंन। वा्ं आरामैल पिया चहा।
  • रुक गयी भई रुक गयी| चांफी भी मेन जगह हो गयी अब गाड़ी वालों की रुकने के लिये|
    रुक गे् हो् रुक गे्। चा्ंफि लै् मेन जा्ग है्गे अब गा्ड़ि वा्लने्ंकि रुकंणा लिजि।
  • दादी तुमको पता नहीं है, दुकान वाले इनको मुफ्त में चायपानी और नाश्ता भी कराते हैं तब रुकते हैं ये लोग| ये दुकान वाला चाय पिलानी बन्द कर देगा तो गाड़ी और दुकान में रुकने लगेगी|
    दादी तुमनकं पत्त न्हां, दुकान वा्ल इननकं मुफत में चहापा्ंणि और नाश्ता लै् करुंनिं तब रुकनीं यो् लोग। यो् दुकान वा्ल चहा पेवूंण बन्द कर दे्लो तो गा्ड़ि और दुकान में रुकंण ला्गलि।
  • ठीक कह रहे हो यही बात है| चलो हमारा भी फायदा हो गया चाय पीने को मिल गयी| आओ हम भी पीते हैं चाय| चाय भी यार बड़ी इम्पोर्टेन्ट चीज हो गयी है हम लोगों की जिन्दगी में, कैसी कही|
    ठीक कूणौंछा यो् ई बात छ्। चलो हमर लै् फैद है्गो चहा पिंण हुं मिल गो। आ्औ हमलै पिनुं चहा। चहा लै् यार ब्ड़ इम्पौटैन्ट चीज है्गे हम लोगनै्ंकि जिन्दगी में, कसि कै।
  • हां बात तो ठीक ही कह रहे हो, चाय के बिना तो सुबह से ही किसी की गाड़ी नहीं चलती यार|
    हो्य बात त् ठीकै कूंणौं छा, चहा बिना त् रत्तै्ई बटि कैकि गा्ड़ि निं चलनि यार।