तुम तो समझदार लग रहे हो| ये बैग मुझे दे दो पीछे डिग्गी में रख देता हूँ, तहां परेशानी होगी|
तुम त् समझदार ला्गणौं छा्। तौ् बैग मकं दि दियौ पिछा्ड़ि डिग्गी में धर द्युं, ता्ं असज हो्लि।
रख दो पीछे लेकिन आराम से रखना|
धर दियौ पिछा्ड़ि लेकिन जरा आरामैल धरिया।
क्यों क्या है इसमें आराम से रखने लायक?
किलै के् छ् यमें आरामै्ल धरणिं लैक?
अरे यार मिठाई रख रखी है, पिचक जायेगी कहीं तब कह रहा हूँ| अब चलो फटाफट सीट तो पूरी हो गयी हैं तुम्हारी| भूख भी लग रही है, गरमपानी में रुक कर कुछ खानापीना किया जायेगा|
अरे यार मिठै धरि रा्खि। पचकि जा्लि कें तब कूंणयूं। अब हिटौ फटाफट सीट पुरि त् है्गईं तुमरि। भूक लै् ला्गणैं, गरमपा्ंणिं में रुक बेर खा्ंणपिंण करि जा्ल।
चल रहा हु दादी, गाड़ी का मामला है सब चीज देखनी पड़ती हैं आगे पहाड़ का सफर है|